पाकिस्तान और हिंदुस्तान मुसलमानों का हो जायेगा, हिंदू भजन गाते रह जाएँगे
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डॉ. किशोरीलाल व्यास दक्षिण समाचार के १ फ़रवरी २०१७ के अंक में शकील अख़्तर के कश्मीर पर विचार पर पढ़े, इस लेख से अलगाववाद की बू आती है। हिज़बुल मुजाहिदीन के शसस्त्र बुरहानवानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी मं उसके जनाज़े में लोगों की भीड़ उमड़ी तथा प्रदर्शन होते रहे, सुरक्षाबलों तथा पुलिस पर जो पथराव होता रहा, वह क्या सूचित करता है। पाकिस्तान के झंडे लहराना, आई.एस.आई की पताकाएँ फहराना किस बात का संकेत हैं।
कश्मीरी युवकों पर एक भी गोली चली, न एक भी युवक मारा गया। घुसपैठिये से लोहा लेते सैनिकों पर कश्मीरियों ने पत्थर बरसाये, कई स्कूल जला डाले। लेकिन हमारे सुरक्षाबल हाथ बाँधे हुए लड़ाई लड़ रहे हैं। अलगाववादियों के पत्थरों से गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं।
कश्मीरी युवकों पर एक भी गोली चली, न एक भी युवक मारा गया। घुसपैठिये से लोहा लेते सैनिकों पर कश्मीरियों ने पत्थर बरसाये, कई स्कूल जला डाले। लेकिन हमारे सुरक्षाबल हाथ बाँधे हुए लड़ाई लड़ रहे हैं। अलगाववादियों के पत्थरों से गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं।
फिर भी न गोली चला रहे हैं, न लाठी। अगर इस्त्राइल या जर्मनी में ऐसी घटना घटती तो बंदूक की गोली से सभी पत्थरबाज़ों को उडा दिया जाता। आपके लेखक शकील अख़्तर ने कहा है-यह गतिरोध की स्थिति है। कश्मीरी युवाओं के रास्ते बंद हैं। जबकि पाकिस्तान एक ओर से आतंकवादी भेजता है, दूसरी ओर बातचीत की पेशकश करता है। एक ओर बम विस्फोटों के षडयंत्र रचता है। दूसरी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाता है। यह सब कब तक चलेगा। कश्मीरी जनता आज़ादी के बाद से ही सब्सिडी पर जी रही है। भारत के गरीबों का पेट काटकर, उनको हर चीज़ सब्सिडी पर मिलती है, चाहे पेट्रोल हो, चावल हो, या अनाज-कपड़ा। वे एक तरह से हमारी भीख पर जी रहे हैं, और हमीं को अलगाववाद की आँखें दिखा रहे हैं। ये तो नेहरूजी ने आर्टिकल ३७० का ऐसा पेंच डाल दिया कि हिंदुस्तान लाचार हो गया। ये एक ऐसी ग़लती है जिसके बदले हज़ारों
सैनिकों ने अपना खून बहाया और बहा रहे हैं। कश्मीर भारत का सबसे ख़चीला सरदर्द बन गया है, भारत के भीतर रहने वाले गद्दार भी कश्मीर के अलगाववाद के समर्थक हैं। कश्मीर के इतिहास को देखने पर पता चलेगा कि यह प्रदेश हिंदूधर्म संस्कृति, साहित्य, संगीत और कलाओं का केंद्र रहा है, कश्मीर का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। शैव दर्शन और अन्य दर्शनों का केंद्र रहा है। औरंगज़ेब के भयंकर अत्याचारों ने लाखों कश्मीरियों को मुसलमान बनने पर मजबूर किया और, और मुसलमान बादशाहोंने तीन शताब्दी कश्मीर का इस्लामीकरण किया। पाँच लाख हिंदूपंडितों को कश्मीर छोड़कर दिल्ली की धूलभरी सड़कों पर तंबुओं में शरण लेनी पड़ी। एक लाख से अधिक पंडितों को जान गाँवानी पडी। क्या शकील अख़्तर महोदय ये बात भूल गये। आज भी कश्मीरी पंडित दर-दर भटकने को मजबूर हैं। कश्मीर का इस्लामीकरण हो चुका है। अब वे लोग जम्मू का इस्लामीकरण करने पर तुले हैं। दारुल इस्लाम उनका नारा है। जनसंख्या की वृद्धि के द्वारा सारे भारत को इस्लामी सिर्फ़ पचास साल में इस्लामी बना देंगे। उत्तर प्रदेश के २१ ज़िले मुस्लिम बहुल हो गये हैं। आसाम के ग्यारह ज़िलों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। बांग्लादेश के छह करोड़ मुसलमान भारत में मिल गये हैं। वे भारत के नागरिक बन चुके हैं। सिमी नामक संगठन सारे भारत में सक्रिय है। सारे आतंकवादी मुसलमान रहते हैं। और षडयंत्र करते रहते हैं। हमारा देश सॉफ्ट डेमॉक्रेसी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदूख़त्म हो रहे हैं, मंदिर टूट रहे हैं। हमारे यहाँ मुसलमान प्रथम दर्जे के नागरिक हैं। हिंदुओं से ज़्यादा अधिकार हैं उन्हें। तीन शादी कर सकते हैं- दर्जनों बच्चे पैदा कर सकते हैं। पाकिस्तान भी उनका हिंदुस्तान भी उनका। मुसलमानों का हो जायेगा। हिंदू भजन करते रह जाएँगे। डॉ.किशोरीलाल व्यास-040-23044660
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