Posts

Showing posts with the label नोटबंदी

नोटबंदी से केवल पचास प्रतिशत काम हुआ है

Image
नोटबंदी से केवल पचास प्रतिशत काम हुआ है नोटबंदी अभी भ्रष्टाचार का आधा काम बाक़ी है नोटबंदी के बाद भी लोगों में पैसे की भूख कम नहीं हुई है। हाल ही में एक बीस करोड़ की शादी हुई हैदराबाद के नोवाटेल होटल में तो मुझे कई फ़ोन आये कि आप तो बड़ी-बड़ी बातें लिखते हैं लेकिन समाज में तो लोग पैसा अभी भी पानी की तरह बहा रहे हैं। उसका जवाब यह है कि शादियों पर पैसा लुटाने का सिलसिला आज का नहीं दस हज़ार साल से चला आ रहा है। लेकिन हमको अपने संयम से रहना चाहिए। क्यों गांधीजी ने शर्ट पैंट उतारकर घुटने के ऊपर तक की धोती पहनी और शर्ट भी नहीं पहना, क्योंकि वे भारत के आम इंसान की तरह दिखना चाहते थे, हमें भी चाहिए कि हम धोती और शर्ट तो पूरा पहनें लेकिन अतिरिक्त कमाई का हिस्सा दूसरों की पढ़ाई और उनके जीवन को सुधारने में लगाएँ। हमें मूखों की तरह किसी की देखादेखी नहीं करनी चाहिए। देखादेखी करने के कारण ही तो हम परेशान हो रहे हैं। आपको हैरानी होगी कि हमारे पैसे से ही अमीर लोग महँगी शादी करते हैं, और हम उल्लुओं की तरह उनकी शादी देखते हैं, हम शेयर बाज़ार में जो पैसा डालते हैं अरे, मूखों सरीखी जनता उसी से...

नोटबंदी क्यों की गयी, उसका क्या फ़ायदा हुआ है

Image
नोटबंदी क्यों की गयी, उसका क्या फ़ायदा हुआ है नोटबंदी आज आठ महीने के बाद भी ठीक से पता नहीं चला है। क्योंकि सरकार की तरफ से जनता को तो किसी तरह का सीधा फ़ायदा हाथ नहीं लगा है, न किसी के बैंक खाते में पाँच लाख रुपये डाले गये हैं नही पंद्रह लाख डाले गये हैं। इस तरह से हम समझ चुके हैं कि यह सरकार जनता को मुफ्त की रोटियाँ तो खिलाने वाली नहीं है। यह सरकार सीधा-सीधा संदेश दे चुकी है, कि पैसा कमाना है तो मेहनत करके पैसा कमाओ, हमें टैक्स दो तो हमें किसी तरह का ऐतराज़ नहीं है। मगर सरकार ने तीन सौ रुपये में जो दो लाख का बीमा योजना शुरू की है, उससे हर ग़रीब का जीवन बहुत ही सुरक्षित हो गया है, मेरा हिसाब बताता हूँ, अगर मैं मर जाता हूँ, तो मेरी पत्नी को दो लाख मिलेगा, मैने एक्सीडेंट का केवल बारह रुपये का मोदीजी का भी बीमा करा लिया है, तो दो लाख और मिलेगा यानी अगर टक्कर हो गयी तो, चार लाख मिलेगा, चार लाख का ब्याज होता है तीन हज़ार रुपया, छोटा तीन हज़ार में किराये का मकान आ ही जाता है, तेलंगाना से विधवा पेंशन मिलती है एक हज़ार, पत्रकार होने के नाते मुझे मिलेंगे एक लाख एक्सीडेंट हो गया तो मिले...

नोटबंदी के बाद अब अमेरिका से भारतीय लौटेंगे तो भला भारत का ही होगा

Image
नोटबंदी के बाद अब अमेरिका से भारतीय लौटेंगे तो भला भारत का ही होगा नोटबंदी नोटबंदी के बाद अब अमेरिका से भारतीय लौटेंगे तो भला भारत का ही होगा एक छोटी सी ख़ुशख़बरी मोदीजी नेदी है कि पेट्रोल के दामों में पाँच रुपये की कमी कर दी है। अब जो लोग रोज़ानासौ किलोमीटर गाड़ी चलाते हैं वे बीस रुपया रोज़ बचा सकते हैं। कारवाले ज़्यादा बचा सकते हैं। यानी छह सौ रुपये महीने के बचा सकते हैं। इसी तरह से महँगाई को कम करते चले जाना है, तभी आम आदमी चैन की साँस ले सकते हैं। नोटबंदी होते ही सबसे पहले किसानों ने सब्जी और अनाज के दाम बहुत ही ईमानदारी से कम कर दिये हैं केवल किसान ही देश का सबसे ईमानदार इंसान है, किसान अपना सबकुछ लुटा देता है लेकिन आम आदमी का साथ हमेशा देता रहा है, आज़ादी के पहले से ही किसान ईमानदारी से जिया है। बाक़ीय कुछ सोने चाँदी की दुकान वाले, कुछ रियल इस्टेट वाले, कुछ शेयर बाज़ार वाले, कुछ महँगे स्कूल के फ़ीस वाले, कुछ महँगे अस्पताल वाले, ये सारे के सारे महाशय एक नंबर के बेईमान और बट्टेबाज़ होते हैं, इनकी गेंडे की चमड़ी पता नहीं कब इंसान की चमड़ी बनेगी। हमें मोदीजी पर पूरा भर...

नोटबंदी के बाद रहन-सहन में फर्क आ गया है

Image
नोटबंदी के बाद लोगों के रहन-सहन में फर्क आ गया है, लोगों के पास पैसे की कमी बहुत हो गयी है, हालात बहुत ही बद से बदतर होते चले जा रहे हैं  नोटबंदी नोटबंदी के बाद दो महीनों तक तो लोगों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये। जो लोग प्राइवेट नौकरी कर रहे थे, उनकी नौकरी खतरे में आ गयी थी, कईयों की नौकरी चली गयी, लोग बस बिना कुछ किये दो महीने तक जिंदगी गुजार रहे थे। व्यापारियें को कहीं से भी पेमेंट नहीं आ रहे थे। सारे होटलों में किसी तरह का ग्राहक ही नहीं था, सिनेमाघरों में भीड़ नहीं थी, लोगों के पास बड़ा इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे, ऑटो खाली जा रहे थे, कारों की सवारी कोई नहीं कर रहा था। जबकि करीब एक लाख युवाओं ने ओला, ऊबर कार वंपनियों के भरोसे ब्याज पर कारें खरीदीं थीं, उनकी हालत दो महीने तक बद से बदतर हो गयी थी। और आज तो हालात बद से बदतर हो गयी है, क्योंकि लोग अब अपनी लैविश यानी अमीरों जैसी fæजदगी जीने जैसे लायक ही नहीं रहे  गये हैं, पहले ऑटो वाला अपने दो बच्चों को महँगी फीस के स्कृल में पढ़ा रहा था। नोटबंदी के बाद उसके पास बच्चों की फीस भरने के लाले पड़ गये। उस...

मोदीजी ने नोटबंदी करके सभी भारतवासियों के सिर से बहुत भारी बोझ उतार दिया है।

Image
मोदीजी ने नोटबंदी करके सभी भारतवासियों के सिर से बहुत भारी बोझ उतार दिया  है।  गंदे पैसे का बोझ, भ्रष्ट पैसे का बोझ, नोंच नोंचकर खाने के पैसे का बोझ, एक ही चोंट मारी तो सारी धरती fहल गयी। भूचाल आ गया, आत्मा भी रो पडी भ्रष्टाचाfरयों की।  जय हो मोदीजी, एक बाबा झोली लेकर आया और काम तमाम करके बैठा है शान से गद्दी पर। मोदीजी ने गरीबों के fलए सात सौ दवाओं के दाम भी कम कर fदये हैं, ये है मोदीजी का मानवता का उत्वृष्ट रूप वरना ये राक्षस दवाओं के दाम बढाकर जनता को रौंद रहे थे। इलाज पर तो चोंट धमाकेदार रही अब शिक्षा  के वहशीपन पर भी वृपा करके जल्दी से जल्दी मोदीजी वुछ कीfजए, हम आपको एक ईश्वर के भेजे दूत की तरह देख रहे थे, आप हमारे fपतातुल्य हैं, बा॰जारवाद को आप बुरी तरह पाताल में गाडने की तैयारी कर रहे हैं। यह भी हमें पता है, महँगाई को दफन कर रहे हैं, देश के सबसे गरीब आदमी के चेहरे पर fदन ब fदन मुस्कान आ रही, यह मुस्कान चौडी होती जाये हम ईश्वर से इसी तरह की सद्बुfद्ध की कामना आपके fलए कर रहे हैं। दाढी वाले बाबा को लाख लाख प्रणाम।   भ्रष्टाचार का गंदा बोझ सभ...

मोदीजी, नोटबंदी आने से समुभय इंसानियत से भरा भारत लौट रहा है

मोदीजी, नोटबंदी आने से समुभय, इंसानियत से भरा भारत लौट रहा है, लोग होटलबाज़ी से ऊबकर घर की ओर लौट रहे हैं  नोटबंदी करने से नयी पीढ़ी में फ़ैशनबाज़ी, होटलबाज़ी, गुलछर्रेबाज़ी में बहुत कमी हो गयी है, नयी पीढ़ी नोटों की सप्लाई नहीं होने की वजह से सालों के बाद घरों के भीतर दिखाई दे रहे हैं| यह परिवारो के लिए बहुत ही अच्छा संदेश दिखाई दिया| लोगों के पास सिनेमा देखने के लिए चार-चार हज़ार रुपये नहीं दिखाई दिये|  लोगों को तनख़्वाह भी बहुत ही धीरे-धीरे करके मिलने लगी थी| कुल मिलाकर कुछ समय तक रुक कर जीवन के बारे में सोचने का समय भी लोगों को मिला और नोटों की अहमियत लोगों को पता चली| लेकिन एक बात तो तय है कि लोग जब शॉपिंगबाज़ी के बारे में नहीं सोचते हैं तो देश के लिए सोचने लग जाते हैं, और इस समय मोदीजी ने देश को सबसे अच्छा माहौल दिया है| कहीं पर भी सांप्रदायिकता नहीं है, कोई भी हिंदू-मुस्लिम के अलग-अलग होने की बात तक ज़ुबान पर नहीं ला रहे हैं| लोग जातिवाद की बात पर भी ज़ुबान पर नहीं ला रहे हैं| इस समय शेयर बाज़ार बहुत ही अच्छे तरीक़े से चल रहा है| लगभग २७ हज़ार के पार चल रहा है| यानी आपके पास पै...

नोटबंदी का बहुत फ़ायदा हुआ है

Image
नोटबंदी का बहुत फ़ायदा हुआ है लोगों का ख़ून चूस कर धन संचय करने की आदत कम हुई है, अब सरकार को वंचित लोगों का भला करना चाहिए   नोटबंदी के बाद महँगाई आश्‍चर्यजनक तरीक़े से कम हो गयी है, टमाटर पॉंच रुपये किलो हो गये थे, सड़कों पर फेंके जा रहे हैं, टमाटर सस्ते इसलिए हो गये कि दरअसल इसका सही दाम यही हुआ करता था, ये तो बिचौलिये थे जो इसका काम दाम बहुत ज़्यादा करने जनता को लूटा करते थे, अरहर-तुअर की दाल के दाम आश्‍चर्यजनक तरीक़े से कैसे नीचे आ गये, क्योंकि नोटबंदी के कारण लोगों ने महँगी दाल ख़रीदना बंद कर दिया था, तो व्यापारियों ने सोचा कि इतनी महँगी दाल बेचेंगे तो कोई लेगा नहीं, लोग दूसरी दालें खा लेंगे, और हमारी अरहर की दुकानें बंद हो जाएँगी, फिर लोगों ने या कहिए कालाबाज़ारियों ने झक मारकर नोटबंदी के कारण दाल को सस्ती कर दी और आज दाल सत्तर रुपये से लेकर केवल नब्बे रुपये में बेच रहे हैं, जबकि नोटबंदी के पहले यही दाल १६० रुपये से लेकर २५० रुपये किलो तक बिक रही थी| कालाबाज़ारी लोग अब लहसुन के दाम बढ़ा रहे हैं, ये वे ही कालाबाज़ारी करने वाले लोग है जो बाज़ार में किसी न किसी तरह का षड़यंत्र किया...

Labels

Show more