Posts

Showing posts with the label बहुत

जीएसटी के बाद भी मोदीजी का साथ दीजिए

Image
जीएसटी के बाद भी मोदीजी का साथ दीजिए, क्यों व्यापारी जीएसटी से बहुत ही ज़्यादा परेशान नज़र आ रहे हैं। मोदीजी   लोग अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट से कह रहे हैं कि इस जीएसटी से बचाव के लिए क्या क्या हो सकता है। लोगों की शांति पूरी तरह से भंग हो गयी है। लेकिन उनकी यह एक ही परेशानी नहीं है, उनकी परेशानी है कि गरीबों को स्टार्ट अप लोन क्यों दिया जा रहा है। यह तो वही बात हो रही है, कि आपकी दुकान के सामने आप ही के सामान जैसी दूसरी दुकान का खुल जाना, यानी इससे आपका मुकाबला करने वाला पैदा हो जाता है। हरेक व्यापारी का यही मक़सद होता है कि पूरे मार्केट में वह ही बादशाह बनकर उस जैसा कोई भी पैसा कमा न सके। क्योंकि सरकारी नौकर मर जाता है तो उसे पैसा सरकार देती है, व्यापारी मर जाता है, या धंधे में डूब जाता है तो उसका रखवाला सरकार, ख़ुदा, रिश्तेदार, दोस्त, समाज, बिरादरी कोई नहीं होते हैं, उल्टा कोई बर्बाद होता है तो उसका जुलूस निकाला जाता है, पीठ पीछे उसकी बेहिसाब बुराई शुरू हो जाती है। बेचारा कुत्ते की मौत मारा जाता है, नहीं तो शहर से भागकर वह बेचारा दूसरी जगह नौकरी करके पेट पालता है। सरका...

बहुत सारा धन शोहरत कमाने के लिए नयी पीढ़ी अपना जीवन बर्बाद कर रही है

बहुत सारा धन और बहुत सारी शोहरत कमाने के लिए नयी पीढ़ी अपना जीवन बर्बाद कर रही आज का जवान लड़का बहुत सारा काम तो कर रहा है, लेकिन उसे मनचाहा पैसा नहीं मिल रहा है। जिससे वह बहुत ही छटपटा रहा है। जवान लोग जवान होते ही विदेश भाग रहे हैं, बेचारे वहाँ पर जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहाँ वे सोलह से अट्ठारह घंटे मेहनत कर रहे हैं तब जाकर उनका मनचाहा पैसा मिल रहा है, लेकिन फिर उनपर पैसे का भूत इस क़दर सवार हो रहा है कि वे अपना जीवन जीना ही भूल जाया करते हैं, दिन-रात पैसे की हाय-हाय में ही सारा जीवन गुजार रहे हैं। बेचारे वहाँ पर अपना बच्चा चला जाता है जब वह केवल २२ साल का होता है, और वहाँ से कमाना शुरू करता है तो वह घर वालों की पूरी तमन्नायें पूरी करने करने के बाद तीस या पैंतीस साल में जाकर शादी करता है, और अंत में वह भारत आने से मना कर देता है, इसलिए बहुत सारा पैसा कमाता है तो वहीं का होकर रह जाता है, वह उस तरह के वर्क कल्चर में पूरी तरह से समा जाता है, फिर उसी में उसका सारा जीवन रम जाया करता है। इधर भारत में रहने वाला जवान भी बहुत ही परेशान हैं, आजकल अमीर घर के बच्चे ज़्यादा प...

नौजवानों में जलन कुंठा बहुत बढ गयी है

नौजवानों में कोई महीने के 8 हज़ार कमा रहा है तो कोई महीने के 1 लाख, इससे उनके बीच जलन-बेचैनी-कुंठा बहुत बढ गयी है  पहले बिरादरी के 500 नौजवानों में कोई एक डॉक्‌टर-इंजीनियर बना करता था। लेकिन अब तो हर दूसरे परिवार में आईटी वाला बच्चा भी पैदा हो रहा है। यहाँ अपने देश में पैसा नहीं मिल रहा है तो ये लोग विदेश भाग रहे हैं। हाल ही में एक पिता मिल गये उन्होंने अपने लडके पर 20 लाख रुपया खर्च किया वह भी कर्ज़ा लेकर। तब भी वह नौकरी ढूँढ रहा है। बेचारे पिता इसी आस में कर्ज़ का ब्याज भरते जा रहे हैं कि बच्चा आज नहीं तो कल एक लाख की नौकरी पा लेगा। लोग दोक्टोरी, इंजीनियरिंग,एम.बी.ए. बच्चे से करवा रहे हैं तो एम.बी.ए. भारत में 2 लाख में भी हो रहा है तो विदेश में यही पढाई 20 लाख रुपये में भी हो रही है। लोग ज्यादा पैसा खर्च करके बच्चे को बहुत ही ऊँचा मुकाम दिलवाना चाह रहे हैं।

Labels

Show more