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Showing posts from March, 2017

नोटबंदी के बाद रहन-सहन में फर्क आ गया है

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नोटबंदी के बाद लोगों के रहन-सहन में फर्क आ गया है, लोगों के पास पैसे की कमी बहुत हो गयी है, हालात बहुत ही बद से बदतर होते चले जा रहे हैं  नोटबंदी नोटबंदी के बाद दो महीनों तक तो लोगों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये। जो लोग प्राइवेट नौकरी कर रहे थे, उनकी नौकरी खतरे में आ गयी थी, कईयों की नौकरी चली गयी, लोग बस बिना कुछ किये दो महीने तक जिंदगी गुजार रहे थे। व्यापारियें को कहीं से भी पेमेंट नहीं आ रहे थे। सारे होटलों में किसी तरह का ग्राहक ही नहीं था, सिनेमाघरों में भीड़ नहीं थी, लोगों के पास बड़ा इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे, ऑटो खाली जा रहे थे, कारों की सवारी कोई नहीं कर रहा था। जबकि करीब एक लाख युवाओं ने ओला, ऊबर कार वंपनियों के भरोसे ब्याज पर कारें खरीदीं थीं, उनकी हालत दो महीने तक बद से बदतर हो गयी थी। और आज तो हालात बद से बदतर हो गयी है, क्योंकि लोग अब अपनी लैविश यानी अमीरों जैसी fæजदगी जीने जैसे लायक ही नहीं रहे  गये हैं, पहले ऑटो वाला अपने दो बच्चों को महँगी फीस के स्कृल में पढ़ा रहा था। नोटबंदी के बाद उसके पास बच्चों की फीस भरने के लाले पड़ गये। उसने दस प्र

मोदी समाजवाद ला सकते हैं

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आज मोदीजी का रूतबा इतना बढ़ गया है कि वे भारत से बाजारवाद को खत्म करके समाजवाद ला सकते हैं और पूरी जनता आँख बंद करके उनका पूरा सहयोग करेगी भारत की सारी जनता ने हर बार समाजवाद को ही गले से लगाया है, यहाँ पर पूँजीपतियों को कभी सराहा नहीं गया है। नेहरूजी-इंदिराजी और मोदीजी के सारे समय में समाजवाद ही देश में सिर उठाकर चला है। समाजवाद में सारे लोग अपना स्वाथर्र नहीं देखते थे बलि्क समाज का भला पहले चाहते हैं। अपने बेटे को जितना चाहते हैं पड़ोसी के बच्चे को उतना ही चाहते हैं, या कहिए कि पड़ोसी और रिश्तेदार के बच्चे को अपने बच्चे से ज्यादा चाहते हैं। जबकि बाजारवाद जो लगातार आज देश में चल रहा है। पिछले 24 साल से चल रहा है, उसमें स्वाथर्र पूरी तरह से बढ़ गया है। बाæजारवाद ने सबसे बड़ी बुरी आदत हर आदमी में यही दी है कि लोग अपनी ही तारीफ करने से नहीं थकते हैं और दूसरों की बुराई करने से भी नहीं थकते हैं। नेहपालक भी घोर स्वाथर्र पालक हो जाते हैं। इस बाजारवाद का सबसे बड़ा नारा यही रहा है कि अपना काम है बनता भाड़ जाये जनता। ऐसा होने से यह हुआ कि जनता का एक वगर्र तो पूरी तरह से गुलछरेर्रबाजी में लग गया, ल

जिंदगी बहनों बेटीयों की शादी करते हुए गुजर जाती है

दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं जिनकी जिंदगी बहनों और बेटीयों की शादी करते हुए गुजर जाती है  एक आदमी है जो बहनों की शादी कर चुका है, एक दो बहनें नहीं चार-चार बहनों की शादी उसने की है, जिसमें पिता का कोई सहयोग ही नहीं था, कोई  जमीन नहीं थी, न ही कोई जाति मकान ही था। वह एक सेठ के पास काम किया करता था। वह सेठ का पूरी तरह से गुलाम हो गया था। क्योंकि सेठ ही उसकी चार बहनों की शादी में बहुत सारी मदद कर दिया करता था। उसकी नौकरी का समय तय ही नहीं था। वह सुबह छह बजे वहाँ पहुँच जाया करता था और रात में एक बजे घर वापस आया करता था। दिन में जब सेठ को काम नहीं होता था तो वह कुसार्री पर एक घंटा नींद ले लिया करता था।  इस परिवार में ईश्वर की यह वृपा थी कि यह परिवार संघषर्र करना ही जानता था, चार-चार बेfटयों को संभालकर रखना भी बहुत ही बड़ा काम था। कई लड़के शादी का प्रस्ताव लेकर आया करते थे। उनको भी भगाने का काम करना पड़ता था। जाति-वाति भी देखना पड़ता था, अपनी ही जाति में ही लड़का देना पड़ता है, दो लड़के आये भी थे एक ने कहा कि मैं सरकारी नौकरी में हूँ और मुझे आपकी बेटी बहुत ही पसंद है, मैं जीवन भर अपनी आधी तन

भारतीय टीम ने नंबर एक टीम बनने

भारतीय टीम ने नंबर एक टीम बनने वेÀ fलए बहुत मेहनत की है, उनको लाख-लाख बधाई इस उपलfब्ध वेÀ fलए भारतीय टीम सारी दुfनया की सबसे कfरश्माई टीम है, इसने नंबर एक रैंfवंÀग प्राप्त तो की, लेfकन बहुत ही चमत्काfरक तरी॰वेÀ से की। वह चमत्कार यह है fक fपछले आठ महीने में भारतीय टीम ने छह से लेकर आठ fखला॰fडयों को लगातार टीम में बदला। fजसमंे रहे गंभीर, पाfथ&व पटेल, मुरली fवजय, जयंत, रहाणे, सामी, करूण नायर, अfमत fमश्रा, इतने fखलाड़ी बदलकर कर भी आप नंबर एक बने रहते हैं यह बात बहुत ही हैरत में डालने वाली और fनराली हो जाती है। जबfक हर नंबर एक की टीम लगातार एक साल तक अपने fवजयी टीम को ही हरेक मैच में साथ लेकर चलती है। जब तक fक उसका कोई fखलाड़ी घायल नहीं हो जाता है। लेfकन कोहली का अध्ययन बहुत ही गहरा है और बहुत ही fक्रÀकेट वेÀ आला दजे& वेÀ fवद्वान की तरह है, या यह कह सकते हैं fक उनकी ॰fकस्मत ऐसी चल रही है fक वे fजस fखलाड़ी पर हाथ रख दे रहे हैं वह इंसान पारस या सोना बन जा रहा है। करूण नायर का fतहरा शतक इसी बात का उदाहरण है। अब ऑस्टे्रfलया दूसरा टेस्ट हारने वेÀ बाद यही सोच रही है fक भारत में आकर ख

पहले टेस्ट में कयामत जैसी हार विराट कोहलीजी

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पहले टेस्ट में कयामत जैसी हार, दूसरे टेस्ट में चमत्कार जैसी जीत, क्या बात है विराट कोहलीजी  नीरज कुमार  जब भारत पहला टेस्ट बहुत ही बुरी तरह से हार गया था, लगभग भारत को धूल चटा दी गयी थी, उनकी ही धरती पर विश्वचैंपियन टीम वे केवल दो पारियों में वे केवल सौ पार रन ही बना पायी थी, तब किसी ने नहीं सोचा कि भारत क्या इस श्रृंखला में क्या एक भी टेस्ट जीत पायेगा, सभी लोग तय मान रहे थे कि इतनी धूल चटा दी जाने वाली हार के बाद भारत इस बार 0-4 से हार सकता है।  और यह बहुत दद&नाक हार होने जा रही थी, सभी को यह हार सदियों तक याद रहने वाली थी। क्योंकि ऑसी की टीम fस्पन की तैयारी बहुत ही अच्छे तरीवे के से करवे के आयी थी, वे पुणे टेस्ट और बैंगलुरू की पहली पारी में बल्लेबाजी भी जमकर कर रहे थे, और भारत को भी धूल चटाने जैसा ही आउट करते ही चले जा रहे थे। दूसरे टेस्ट में तो जब भारत 189 पर आउट हो गया था, उसमें सबसे बुरी बात तो यह थी कि अंत वे के पाँच विवे केट वे केवल बीस रन वे के भीतर ही धराशायी होते ही चले गये, जैसे बल्लेबाजों की बारात fनकल रही थी, जैसे लोग मंदिर मंे टीका लगाने वे के लिए लाइन लगाते ह

मोदीजी ने नोटबंदी करके सभी भारतवासियों के सिर से बहुत भारी बोझ उतार दिया है।

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मोदीजी ने नोटबंदी करके सभी भारतवासियों के सिर से बहुत भारी बोझ उतार दिया  है।  गंदे पैसे का बोझ, भ्रष्ट पैसे का बोझ, नोंच नोंचकर खाने के पैसे का बोझ, एक ही चोंट मारी तो सारी धरती fहल गयी। भूचाल आ गया, आत्मा भी रो पडी भ्रष्टाचाfरयों की।  जय हो मोदीजी, एक बाबा झोली लेकर आया और काम तमाम करके बैठा है शान से गद्दी पर। मोदीजी ने गरीबों के fलए सात सौ दवाओं के दाम भी कम कर fदये हैं, ये है मोदीजी का मानवता का उत्वृष्ट रूप वरना ये राक्षस दवाओं के दाम बढाकर जनता को रौंद रहे थे। इलाज पर तो चोंट धमाकेदार रही अब शिक्षा  के वहशीपन पर भी वृपा करके जल्दी से जल्दी मोदीजी वुछ कीfजए, हम आपको एक ईश्वर के भेजे दूत की तरह देख रहे थे, आप हमारे fपतातुल्य हैं, बा॰जारवाद को आप बुरी तरह पाताल में गाडने की तैयारी कर रहे हैं। यह भी हमें पता है, महँगाई को दफन कर रहे हैं, देश के सबसे गरीब आदमी के चेहरे पर fदन ब fदन मुस्कान आ रही, यह मुस्कान चौडी होती जाये हम ईश्वर से इसी तरह की सद्बुfद्ध की कामना आपके fलए कर रहे हैं। दाढी वाले बाबा को लाख लाख प्रणाम।   भ्रष्टाचार का गंदा बोझ सभी के fसर से उतर गया है,

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