पहले टेस्ट में कयामत जैसी हार विराट कोहलीजी

पहले टेस्ट में कयामत जैसी हार, दूसरे टेस्ट में चमत्कार जैसी जीत, क्या बात है विराट कोहलीजी  नीरज कुमार Virat kohli


जब भारत पहला टेस्ट बहुत ही बुरी तरह से हार गया था, लगभग भारत को धूल चटा दी गयी थी, उनकी ही धरती पर विश्वचैंपियन टीम वे केवल दो पारियों में वे केवल सौ पार रन ही बना पायी थी, तब किसी ने नहीं सोचा कि भारत क्या इस श्रृंखला में क्या एक भी टेस्ट जीत पायेगा, सभी लोग तय मान रहे थे कि इतनी धूल चटा दी जाने वाली हार के बाद भारत इस बार 0-4 से हार सकता है।

 और यह बहुत दद&नाक हार होने जा रही थी, सभी को यह हार सदियों तक याद रहने वाली थी। क्योंकि ऑसी की टीम fस्पन की तैयारी बहुत ही अच्छे तरीवे के से करवे के आयी थी, वे पुणे टेस्ट और बैंगलुरू की पहली पारी में बल्लेबाजी भी जमकर कर रहे थे, और भारत को भी धूल चटाने जैसा ही आउट करते ही चले जा रहे थे। दूसरे टेस्ट में तो जब भारत 189 पर आउट हो गया था, उसमें सबसे बुरी बात तो यह थी कि अंत वे के पाँच विवे केट वे केवल बीस रन वे के भीतर ही धराशायी होते ही चले गये, जैसे बल्लेबाजों की बारात fनकल रही थी, जैसे लोग मंदिर मंे टीका लगाने वे के लिए लाइन लगाते हैं, उसी तरह से भारत वे के बल्लेबाज लाईन लगाकर जुलूस में आ जा रहे थे। तो सारे भारतीय fसर पीटने लग गये थे, विराट दो बार कोई शॉट खेले बगैर ही बोल्ड हो गये थे तो लोगों ने बुरा-भला कहना शुरू कर दिया कि क्या यही टेस्ट का दि बेस्ट बल्लेबाज है। भारतीयों की रातों की नींद बुरी तरह से हराम हो गयी थी, लोगों को वह मंजर याद करवे के बार-बार औकारियाँ, उलि्टयाँ, एfसfडटी हो रही थी, क्योंकि हम पिछले एक साल से भारतीय कि्र केवे केट की जन्नत ही देख रहे थे, ये अचानक ऐसा लगा जैसे सारी टीम नरक में धवे केल दी गयी हो। लेकिन दिल वे के किसी कोने में एक आस तो पनप रही थी कि कोई न कोई बादशाह बनकर सामने आयेगा। वो दो बादशाह राहुल और पुजारा वे के रूप में आये, रहाणे तो साथ देते रहे लेकिन असली काम इन दोनों बल्लेबाजों ने बहुत ही कमाल की बल्लेबाजी करवे के भारत को आगे ला लिया। fजसमें सर जडेजा की गेंदबाजी तो किसी चमत्कार से कम नहीं रही, लेकिन fफर भी भारत दूसरे टेस्ट की पहली पारी वे के आधार पर अस्सी पार रन से पीछे जा चुका था, तब भी लग रहा था कि बेहद घुमावदार fस्पन लेती पिच पर अब तो भगवान ही भारत को बचा सकता है। और चमत्कार हो गया, पुजारा ने fजस तरह की तकनीकी रूप से बेहतरीन पारी खेली वह कम से कम बहुत ही लाजवाब पारी बनकर सामने आ गयी। इधर राहुल ने fजतने आराम से बल्लेबाजी की उससे लग रहा था कि इतनी कfठन बल्लेबाजी तो कोई कि्र केवे केट का देवता ही कर सकता है। वे इतने आराम से खेल रहे थे कि बीट तक नहीं हो रहे थे, आउट होने का डर उनसे कोसों दूर चला गया था। राहुल ने इस दूसरे टेस्ट में जो दो पारियों से चमत्कार दिखाया है उससे भारत को दूसरा जीवन fमला है, वरना ऑसी हमें कच्चा चबा जाने को पूरी तरह से तैयार बैठा हुआ था। सबसे हैरत में डालने वाली बात यह दिख रही थी कि भारत वे के बाद वे के पाँच बल्लेबाज वे केवल बीस रन वे के भीतर ही आउट हो जा रहे थे, ऐसा तीन पारियों में लगातार हो रहा था तो सभी का बीपी बुरी तरह से लो होता ही चला जा रहा था। साहा, अfश्वन जो शतक वीर थे वे आउट होते चले जा रहे थे। यह सारा वु केछ पूरी तरह से भारतीय टीम की कयामत की तरह ही लग रहा था, लेकिन कयामत से चमत्कार तक का जो सफर था, वह तब बदला, जब दो-चार बल्लेबाजों ने अलग तरह से कि्र केवे केट क्र केीज पर ठहरने की ठान ली, वे क्र केीज वे के बाहर आकर ठहरने लगे और ऑफ स्टंप की ओर आकर ठहरने लगे fजससे उनवे के पगबाधा आउट होने का डर जाता रहा। और स्टंप को कवर करने की भी पूरी तरह से उनमें fहम्मत आ गयी थी। उसवे के बाद तो ऑसी गेंदबाज लॉयन का दहाडना तो बंद हो गया, वे fबल्ली की तरह म्याऊं म्याऊं में बदल गया और ओकीफ की तो पूरी तरह से ही हवा fनकाल दी गयी, लेकिन एक शेर बैठा तो दूसरा दहाडने लग गया, हेजलवुड ने भारत का हाजमा बुरी तरह fबगाड दिया तो सारे भारत को एfसfडटी, डर वे के मारे हो गयी, उसवे के बाद ऑसी को वे केवल 187 का ही टारगेट दिया गया, तब भी भारत को बुरी तरह से डर लग रहा था कि भारत का हारना लगभग तय-सा लग रहा है, ये लोग आठ विवे केट खोकर ही सही लेकिन यह मैच जीत जरूर जाएँगे। ऑसी की बल्लेबाजी जब शुरू हुई तो सारे भारतीयों का गुदा& हलक में आकर अटक गया था, कि हो न हो भारत की हार तय है, fफर भी भारतीयों का दिल हार मानने को तैयार ही नहीं था, वु केछ न वु केछ तो जरूर होगा, लेकिन डर भी बहुत लग रहा था। क्योंकि उसमें सभी को उनवे के बल्लेबाज रेनशॉ से बहुत ही डर लग रहा था, क्योंकि वे भारत की fस्पन को पूरी तरह से समझ गये थे, और वे केवल 187 वे के टारगेट में चार धमावे केदार बल्लेबाजों रेनशॉ, वॉन&र, fस्मथ, शॉन माश& को आउट करना बहुत ही भयंकर रूप से नामुमकिन लग रहा था। जैसे ही वॉन&र ने छक्का मारा तो लगा कि वे मैच को जल्दी से जल्दी खत्म करना चाहते हैं, और वॉन&र आज अवे केले सत्तर से अस्सी रन बना सकते हैं। लेकिन जैसे ही वॉन&र का विवे केट fगरा तो आशा की ब्ाहुत ही उजली किरण चमकने लग गयी। क्योंकि वॉन&र की बल्लेबाजी पूरी तरह से वीरेंद्र सहवाग की तरह होती है, वह रूकने का नाम नहीं लेते हैं। उसवे के बाद fस्मथ का आउट होना बहुत ही उल्लास पैदा कर गया, क्योंकि उनका विवे केट सfचन की विवे केट की तरह का होता है, वह अवे केले एक छोर पर खडे हो जाते हैं और सामने ठंडा बल्लेबाज भी होता है तो वे अवे केले मैच उडाकर ले जाते हैं। उनको जो गेंद पडी वह किस्मत से बहुत ही नीची रह गयी और वे पगबाधा आउट हो गये, आउट होने वे के बाद fस्मथ पूरी तरह से पागल हो गये मोहल्ला कि्र केवे केट की तरह पवेलियन से पूछने लग गये कि डीआरएस लूँ या न लूँ। तब अंपायर ने बुरी तरह से उनको लताडकर चुप कराया। तो वे चुपचाप चले गये। यह कि्र केवे केट का बहुत ही बचकाना दृश्य कहा जा सकता है, जो ऐसा आज तक नहीं हुआ है, और न कभी होगा, दरअसल बात यह है कि यह श्रृंखला बहुत ही तगडी श्रृंखला है, यहाँ पर जो जीतने वाला है, उसे टेस्ट कि्र केवे केट का पहले नंबर का तमगा हाfसल हो सकता है, ऑसी को यह श्रृंखला चार शून्य से ही जीतना बहुत ही जरूरी हो गया था, पहला टेस्ट जीतने वे के बाद उनवे के हौसले बहुत ही बुलंद हो चुवे के थे,यह गंध उनवे के दिल में आ गयी थी कि वे विराट की सेना को बुरी तरह से हरा सकते हैं। वे हर हाल में भारत को धूल चटाने की कसम खाकर दुबई में बहुत सारा कि्र केवे केट खेलकर आये थे ताकि भारत में आराम से fस्पन खेल सवें के।और पहले टेस्ट में धमावे केदार जीत हाfसल कर चुवे के थे, लेकिन यहाँ पर भारत ने बैंगुलुरू में बहुत ही धमावे केदार जीत हाfसल की है। यह विराट कोहली की ही बडी जीत नहीं है, बलि्क ऑस्ट्रेलिया की दादाfगरी की एक और हार है। ऑसी और पाकिस्तान बहुत ही सीना तानकर भारत की धरती पर कदम रखते हैं। और धौनी और अब विराट कोहली ने इन दोनों टीमों की ऐसी की तैसी कर दी है। हमने स्टीव fस्मथ वे के साथ बहुत ही बडी हार का बदला ले लिया है, क्योंकि स्टीव ने विश्वकप वे के मैच में सेमी फाइनल में शतक जडकर भारत को विश्वकप से बाहर कर दिया था, तभी से यह दुख साल रहा था। उसका टेस्ट मैच में ही बदला लिया जा सकता है, क्योंकि fजतना बडा हारना होता है, उतना ही बडा बदला होना चाfहए। अब होगा यह कि भारत का जो विश्व रैंविं केग में जो पहला रैंक है वह बरकरार रहेगा, क्योंकि अगर ऑसी दो टेस्ट लगातार जीत भी लेता है तो वह आठ अंक आगे बढ जायेगा लेकिन भारत ऑसी से इस समय 11 अंक आगे चल रहा है। इससे यह होगा कि भारत इस साल में पूरी तरह से पहले स्थान पर काfबज हो जायेगा और इतिहास में ऐसा दो बार हो जायेगा कि दोबार भारत चैंपियन टीम बनकर सामने आयेगा। धौनी ने पहले ऐसा करिश्मा कर दिखाया था, तब उनवे के पास बहुत ही अनुभवी fखलाडी थे, लेकिन भारत इस समय बहुत ही युवा टीम लेकर चल रही है। इसलिए यह जीत बहुत ही धमावे केदार जीत कही जा सकती है। यह भारत वे के लिए बहुत ही बडी जीत हो जायेगी। क्योंकि टेस्ट की जीत को ही कि्र केवे केट की सबसे बडी जीत कहा जाता है, क्योंकि यहीं पर आकर कि्र केवे केट की असली पहचान होती है। इसलिए यह भारत की बहुत ही बडी जीत बनकर सामने आयी है, एक बार तो यह लग रहा था कि ऑसी से हार गयी तो भारत की टीम दोबारा पाँचवें नंबर पर आ जायेगी तब हमें fसर झुकाकर रहने वे के बजाय कुछ नहीं कर पाते थे। विराट की यह जीत उनवे के और हम सभी वे के जीवन की बहुत ही सुनहरी और जीवन भर याद रह जाने वाली जीत वे के रूप मंे नजरों वे के सामने आती रहेगी, क्या बेहतरीन कप्तानी रही विराट कोहली कि सच में इस जीत वे के बाद विराट वे के लिए सारी दुfनया में बहुत ही इज्जत बढ जायेगी। क्योंकि हरेक बडी से बडी टीम को वे हरा चुवे के हैं। अब तो ऐसा लग रहा है कि विराट दो में से एक टेस्ट और जीतकर श्रृंखला जीतकर यह श्रृंखला को बराबरी पर रोक सकते हैं, उम्मीद तो जीतने की भी है लेकिन हमें ऑसी को fबल्वु केल कमजोर नहीं मानना चाfहए। क्योंकि नजर हटी तो दुर्घटनाघटी। fफलहाल विराट की यह बेहद अनुपम जीत वे के लिए हम खासकर अनुष्का शमा& यानी भाभीजी को भी बधाई देते हैं और सरोज जी यानी विराटजी की उनकी माताजी को भी प्रणाम करते हैं क्या वाह क्या होनहार बेटा इस देश को दिया है। जय हो माताजी, बधाई हो विराट भैय्या, fजयो राजा fजयो।

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